23 जून 2013 यानी 10 साल पहले एमएस धोनी की कप्तानी में भारत ने आखिरी बार आईसीसी ट्रॉफी जीती थी. इसके बाद ऐसा लग रहा है कि भारत पर आईसीसी की कोई भी ट्रॉफी न जीत पाने का खतरा मंडरा रहा है
उस खिताबी मुकाबले में भारत ने मेजबान इंग्लैंड को हराकर खिताब जीता था। एमएस धोनी ने युवा खिलाड़ियों के साथ भारत को पहली बार चैंपियंस ट्रॉफी जितवाई. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि कैसे एमएस धोनी के शानदार फैसले और युवा खिलाड़ियों के जोश से भारत ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती।
एमएस धोनी ने युवा खिलाड़ियों पर दिखाया भरोसा
आपको बता दें कि 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान कप्तान एमएस धोनी ने सभी युवा खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था. उस भारतीय टीम में विजेता खिलाड़ी भी थे, जिनमें सभी युवा थे। उस समय उनकी औसत उम्र 26 से 27 साल थी, जिसमें विराट कोहली, सुरेश रैना, रवींद्र जड़ेजा, रोहित शर्मा और शिखर धवन सभी युवा थे। इस युवा टीम में जबरदस्त उत्साह था. इसका असर टीम की जबरदस्त फील्डिंग में भी देखने को मिला. आपको बता दें कि उस समय भारतीय फील्डिंग को सबसे बेहतरीन फील्डिंग माना जाता था. इसके अलावा तब तक महेंद्र सिंह धोनी की विकेटकीपिंग स्किल में भी काफी सुधार हो चुका था और फाइनल मैच में उन्होंने जिस तरह से दो स्टंपिंग की वह देखने लायक थी।
एमएस धोनी सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए
इंग्लैंड के मौसम ने प्रतियोगिता को प्रभावित किया। बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान पर खेला जाने वाला फाइनल भी बारिश के कारण रद्द कर दिया गया। इसीलिए 50-50 ओवरों को घटाकर 20-20 ओवर करना पड़ा. बारिश रुकने के बाद मैच खेला गया. मैच में पहले बल्लेबाजी की. रोहित शर्मा और शिखर धवन की नई ओपनिंग जोड़ी पहली बार मैदान पर उतरी. रोहित चौथे ओवर में पवेलियन लौट गये. धवन ने 31 रन बनाकर विराट कोहली के साथ पारी को संभाला. धवन के बाद कोई भी बल्लेबाज नहीं खेल सका, कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (एमएस धोनी) खुद टीम के कुल योग में सिर्फ 2 रन जोड़कर आउट हो गए। लेकिन रवींद्र जड़ेजा ने कोहली के साथ 47 रनों की अहम साझेदारी की. कोहली 43 रन बनाकर आउट हुए जबकि जडेजा ने 25 गेंदों में नाबाद 33 रन बनाकर टीम इंडिया का स्कोर 7 विकेट पर 129 रन तक पहुंचाया।
भारत के सामने इंग्लैंड कमजोर नजर आया
130 रनों का पीछा करते हुए मेजबान इंग्लैंड की टीम भारत के सामने कमजोर नजर आई. भारतीय गेंदबाज इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर हावी रहे. इंग्लैंड ने कई विकेट खोये. हालांकि इंग्लैंड की टीम मैच को आखिरी ओवर तक ले जाने में कामयाब रही. लक्ष्य तक भी नहीं पहुंच सके. आखिरी गेंद पर इंग्लैंड को छह रन चाहिए थे. अश्विन के सामने स्ट्राइक पर थे जेम्स ट्रेडवेल. अश्विन ने गेंद को स्टंप्स की ओर फ्लिक किया। ट्रेडवेल ने बल्ला घुमाया लेकिन गेंद पर नहीं लगा और भारत ने आखिरी गेंद पर मैच जीत लिया. इस तरह भारत ने 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी. इस मैच में कप्तान एमएस धोनी के फैसले और युवा खिलाड़ियों के दमदार प्रदर्शन ने उन्हें चैंपियन बना दिया.